PCOS Diet Chart In Hindi
पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं को अपने खान - पान का ध्यान रखना चाहिए। आहार में बदलाव करने से पीसीओएस के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसलिए इस लेख में हम आपको PCOS Diet Chart In Hindi के बारे में बताएंगे। हम आपको कुछ ऐसे आहार विकल्प के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
सुबह का नाश्ता -
- मूंग दाल का चिल्ला हरी चटनी के साथ
- ब्राउन ब्रेड टोस्ट
- स्प्राउट्स ( टमाटर, प्याज, थोड़ा सा नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर खाएं)
- बादाम खाएं
- नारियल पानी
- फल
- ग्रीन टी
दोपहर का भोजन -
- बेसन की रोटी, सब्जी, सलाद
- चपाती, दाल, सब्जी, ब्राउन राइस और सलाद
- चपाती, राजमा और सलाद
- बाजरे की रोटी, दाल, हरी सब्जी
शाम का नाश्ता -
- ग्रीन टी
- थोड़े से भुने हुए चने
- ताल मखाना
- स्मूदी
- सूप
रात का भोजन -
- ब्रोकोली की सब्जी, रोटी
- मिक्स सब्जी और फुलका
- हरी सब्जी, दाल, रोटी
रात को सोने से पहले -
- आधा गिलास दूध
पीसीओएस में वजन कम करने के लिए इन बातों का ध्यान रखें -
1. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना खाएं -
उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना खाने से इंसुलिन स्तर बढ़ सकता है। टाइप - 2 डाइबिटीज और अन्य बिमारियों से बचने के लिए ज़रूरी है की ऐसा खाना खाएं जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जैसे कि -
- सेब
- मोटा अनाज
- दाल
- हरी सब्जियां
- चना
- फल
- बारली
- शक्करगंदी
- गाजर
- टमाटर
- प्याज
2. प्रोसेस्ड फूड एंव चीनी के सेवन से बचे -
चीनी का ज्यादा सेवन करने से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है और चीनी के सेवन से वजन भी बढ़ता है जो पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं के लिए ठीक नहीं होता। प्रोसेस्ड फूड में ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक और तेल का प्रयोग किया जाता है जो हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता। इस तरह के खाद्य पदार्थ के सेवन से हमारे शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती जिससे हमें कमजोरी महसूस होती है।
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3. भुखे न रहे -
खाना न खाने या कम खाने से वजन कम नहीं होता है बल्कि ऐसा करने से हमारे शरीर को नुक्सान होता है। पौष्टिक आहार लेने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। जंक फूड का कम से कम सेवन करना चाहिए।
4. फाइबर की मात्रा बढ़ाएं -
अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में फाइबर को शामिल करें। ज्यादा मात्रा में फाइबर लेने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और भुख को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसा करने से वजन कम करने में भी फायदा मिलता है।
5. एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स खाएं -
इंसुलिन के स्तर से वजन बढ़ने के साथ हमें थकान और कमजोरी भी महसूस होती है। एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स खाने से इंसुलिन स्तर को कम करने में मदद मिलती है जैसे कि -
- ग्रीन टी
- दाल
- बिन्स
- पालक
- डार्क चाॅकलेट
- नारियल
- हल्दी
- दालचीनी
Conclusion
पीसीओएस खराब जीवनशैली के कारण होने वाली हार्मोन की गड़बड़ी है। पीसीओएस से छुटकारा पाने के लिए उचित भोजन लें, व्यायाम करें और तनाव से बचे। याद रहे हर व्यक्ति एक समान नहीं होते तो डाइट के प्रति उनके शरीर का रिएक्शन भी अलग - अलग हो सकता है। इसलिए डाॅक्टर या पीसीओएस में एक्सपर्टीज़ रखने वाले किसी अनुभवि नयूट्रिशनिस्ट की सलाह ले जो आपके शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार आपके लिए एक बेहतरीन डाइट चार्ट तैयार कर सके। कुछ दिनों तक डाइट चार्ट को अच्छे से फाॅलो करें आपको परिणाम अवश्य मिलेगा।
FAQ
1. पीसीओएस का मुख्य कारण क्या है?
पीसीओएस जिसे पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहते हैं यह दिक्कत महिलाओं को ज़्यादातर हार्मोन के असंतुलन की वजह से होती है।
2. पीसीओएस ज़्यादातर किस उम्र की औरतों को हो सकता है?
यह परेशानी 20 से 30 साल की लड़की या औरतों में ज्यादा हो सकती है।
3. पीसीओएस में क्या नहीं खाना चाहिए?
- पीसीओएस में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट नहीं खाना चाहिए
- चीनी और मीठे का कम सेवन करें
- व्हाइट राइस और आलू कम खाएं
- तला - भूना न खाएं
4. पीसीओएस को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?
पीसीओएस को जड़ से खत्म करने के लिए पौष्टिक आहार लें, व्यायाम करें, अच्छी नींद लें और स्ट्रेस न लें।
5. पीसीओएस के लिए क्या खाना सबसे अच्छा है?
हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें, ब्रोकोली, टमाटर, प्याज खाएं फल में जामुन जैसे लाल फल जो पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं ऐसी चीज़े पीसीओएस के लिए फायदेमंद होती है।