Yoga for PCOS - Treat PCOS at Home Easily



पीसीओएस की समस्या आजकल महिलाओं के बीच आम हो गई है। जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह खराब जीवनशैली, खान - पान में गड़बड़ी और ज़रूरत से ज्यादा तनाव माना जाता है।इस समस्या के कारण महिलाओं के शरीर के हार्मोन्स गड़बड़ हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें मोटापा, अनियमित पीरियड्स और कई अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से और नियमित योगाभ्यास करने से आप पीसीओएस के लक्षण को कम कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको yoga for PCOS के बारे में बताएंगे। योग प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है जो आपके शारीरिक एंव मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में आपकी मदद कर सकता है। योग का परिणाम आपको तुरंत नहीं मिलता, परंतु इसका नियमित अभ्यास करने से आपको अपने स्वास्थ्य में सुधार लगने लगेगा।


Yoga for PCOS


Yoga for PCOS



पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अपने वजन को कंट्रोल में करना बहुत जरूरी होता है। अच्छी जीवनशैली चुनना, पौष्टिक आहार लेना, रोज़ाना योग और एक्सरसाइज करना, और सबसे ज़रूरी तनाव से दूर रहना यह सब चीजे़ पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए इस लेख में हम आपको Yoga for PCOS के बारे में बताएंगे। हम आपको कुछ ऐसे सरल योगासन बताएंगें जिसे आप आसानी से घर पर ही कर सकते हैं और PCOS के लक्षणों से राहत पा सकते हैं।


1. बद्धकोणासन (Bound Angle Pose) 

बद्धकोणासन को बाउंड एंगल पोज भी कहते है। इस आसन से पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, आराम मिलता है और तनाव भी कम होता है।

आसन कैसे करें -

  • यह आसन करने के लिए आप अपनी रीढ़ को सीधा रखें और पैरों को सामने फैलाकर सीधा बैठे।
  • आसन में बैठने के बाद आगे झुकें और पैरों को पेल्विक के करीब लाएं, तलवों को छूएं।
  • उंगलियों को इंटरलाॅक करें और पैरों को मज़बूती से पकड़ें।
  • एड़ियों को जननांगों की ओर खींचें और जांघों और घुटनों को हल्का दबाव देकर फर्श की ओर दबाएं।
  • इस मुद्रा में आप 1 - 5 मिनट तक रह सकते हैं।
  • फिर सांस भरते हुए घुटनों को ऊपर उठाएं और पैरों को सामान्य की स्थिति में वापस ले आएं।


2. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं। यह आसन हमारे पाचन शक्ति को सुधारता है और तनाव को दूर करके पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में हमारी मदद करता है।

आसन कैसे करें -

  • पेट के बल सीधे लेट जाएं।
  • पैरों की ऊंगलियां फर्श पर सपाट, पैर एक साथ और हथेलियों को धड़ की लंबाई के साथ सीधा रखें।
  • नाभि को ज़मीन पर स्थिर रखते हुए, अपने सिर और धड़ को फर्श से ऊपर उठाते हुए गहरी सांस लें।
  • अपने सिर को ऊपर की ओर झुकाएं और अपने कंधों को फ्री रखकर अपने कानों से दूर रखें।
  • 30 सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहते हुए सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर पहले जैसे सामान्य मुद्रा में आ जाएं।


3. मलासन (Garland Pose) 

मलासन पीठ के निचले भाग यानी कूल्हों और पेल्विक एरिया में खिंचाव पैदा करता है जिससे ये अंग मज़बूत होते हैं। इस योगासन से डाइजेशन की समस्या भी दूर होती है।

आसन कैसे करें -

  • सबसे पहले मैट बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपने दोनों पैरों को दूर रखें। दोनों पैरों के बीच कम से कम 1 से 1.5 फिट की दूरी होनी चाहिए।
  • अब अपने दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में लाएं।
  • धीरे - धीरे नीचे बैठ जाएं।
  • अपनी जांघों को शरीर के ऊपरी हिस्से से ज्यादा चौड़ा रखें।
  • दोनों हाथों को इस तरह जोड़ें की कोहनी पर 90 डिग्री का एंगल बन जाए।
  • दोनों हाथों की कोहनी को जांघों के अंदर रखें, ऐसा करने से आपको शरीर के ऊपरी हिस्से यानी धड़ का विस्तार करने में मदद मिलेगी। 
  • इस आसन में आप कम से कम एक मिनट तक रहे।


4. चक्कीचालासन (Mill Churning Pose) 

चक्कीचालासन न केवल सरल आसन है बल्कि पीसीओएस की समस्या को दूर करने में भी बहुत प्रभावी है।

आसन कैसे करें -

  • दोनों हाथों और पैरों को सामने के तरफ करके बैठ जाएं। पैरों को (V) आकार में फैलाकर रखें।
  • हथेलियों को इंटरलाॅक कर लें जैसे चक्की का हैंडल पकड़ते वक्त होता है।
  • लंबी गहरी सांस लेते हुए गोलाकार अवस्था में अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को पहले दाईं से बाईं (5 से 10 राउंड) कुछ देर बाद फिर बाईं से दाईं (5 से 10 राउंड) तरफ घुमाते रहें।

5. बालासन (Child Pose)

बालासन जिसे चाईल्ड पोज भी कहते हैं यह पीसीओएस के लिए सबसे फायदेमंद आसनों में से एक माना जाता है क्योंकि यह नर्वस सिस्टम को शांत करके हमें आराम पहुंचाता है। यह पूरे शरीर में खून के बहाव को एक जैसा करते हुए पीठ के नीचे हिस्से में तनाव, पीरियड्स में ऐंठन, और पीएमएस के लक्षणों में सुधार करता है।

आसन कैसे करें -

  • इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल मैट पर बैठ जाएं। घुटनों को हिप की चौड़ाई से अलग रखते हुए एड़ियों पर बैठ जाएं।
  • फर्श को छूने के लिए अपने सिर को नीचे लाएं और अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच नीचे रखें। हाथों को धड़ की तरफ रखें और कंधों को फर्श की तरफ ढीला करें।
  • इस मुद्रा में 30 सेकेंड से 1 मिनट तक रहें और फिर पहले जैसी सामान्य स्थिति में आ जाएं।



Conclusion



योगासन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास से पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में सहायता मिल सकती है। योग और प्राणायाम करने से तनाव कम होता है, जो हार्मोनल संतुलन को सुधारने में मदद करता है। योग का अभ्यास करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह लें। योगासन को सही तरीके से करने के लिए किसी अच्छे योग गुरु का मार्गदर्शन लें। योग के साथ स्वस्थ जीवनशैली चुनना और पौष्टिक आहार लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इन सभी चीज़ों को संयुक्त रूप से फाॅलो करने से पीसीओएस के लक्षणों में सुधार हो सकता है।



FAQ



1. पीसीओएस के लिए योग क्यों महत्वपूर्ण है?

योग करने से तनाव कम होता है, जिससे हार्मोनल संतुलन सुधरता है। हार्मोनल संतुलन सुधरने की वजह से पीसीओएस के लक्षणों को भी सुधारने में भी मदद करता है।


2. पीसीओएस के लिए योग कब और कितनी देर तक करना चाहिए?

अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सप्ताह में कम से कम 3 - 4 बार नियम से योग का अभ्यास अवश्य करें। शुरुआत में 15 - 20 मिनट अभ्यास करें फिर समय के साथ आप अपना अभ्यास समय बढ़ा सकते हैं।


3. क्या योग अकेले ही पीसीओएस को ठीक कर सकता है?

योग के साथ स्वस्थ जीवनशैली, पौष्टिक आहार, तनाव से दूर रहना यह सब चीज़े भी ज़रूरी है। इन सभी चीज़ो को संयुक्त रूप से अपनाने से पीसीओएस के लक्षणों को सुधारा जा सकता है।


4. क्या योग सीधे पीसीओएस का इलाज है?

योग एक सहायक उपाय है जिससे पीसीओएस के लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन अन्य चिकित्सा और उपायों के साथ मिलकर इस समस्या को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करना आवश्यक होता है।


5. क्या योगासन करने के लिए योग गुरु की आवश्यकता होती है?


शुरुआत में योगाभ्यास करने के लिए योग गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। योग गुरु आपको सही तकनीक और नियमों के बारे में जानकारी देंगे जो आपको सही तरीके से योग करने में मदद करेगा।


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